मौर्योत्तरकाल
शुंग वंश (185 – 75 ई.पू.)
० मौर्य साम्राज्य के पतन के पश्चात् मगध की सत्ता रांगों के हाथ मे आ गई। इस वंश के संस्थापक पुष्यमित्र शुंग ने 185 ई. पू. में अन्तिम मौर्य शासक वृहद्रथ की हत्या कर दी थी।
*शुंग पश्चिम भारत के उज्जैन अंचल से आये थे, जहां वे मौर्यों के अन्तर्गत अधिकारी थे।
*अवंति पर नियंत्रण सुदृढ़ करने के लिए उसने ‘विदिशा’ को अपनी राजधानी बनाया। विदिशा में पुष्यमित्र ने अपने पुत्र अग्निमित्र को राज-प्रतिनिधि के रूप में रखा।
* पुष्यमित्र शुंग ने पंतजलि के नेतृत्व में दो अश्वमेघ यज्ञ किये। पुष्यमित्र के प्रयास से ही पंतजलि ने अष्टाध्यायी ग्रन्थ पर महाभाष्य लिखा।
० कालिदास की कृति ‘मालविकाग्निमित्रम्’ का नायक अग्निमित्र पुष्यमित्र शुंग का पुत्र था।
० शुंग वंश का अन्तिम शासक देवभूति था। कण्व वंश
० वसुदेव ने अन्तिम शुंग शासक देवभूति की हत्या कर 73 ई. पूर्व में कण्व वंश की स्थापना की।
० पुराणों के अनुसार इस वंश में चार शासक हुए जिन्होंने 45 वर्ष तक शासन किया।
( सातवाहन वंश )
० “सिमुक’ नामक व्यक्ति ने अन्तिम कण्व शासक ‘सुशर्मा’ की हत्या कर सातवाहन वंश की नींव डाली।
० ‘गोतमी पुत्र शातकर्णी’: यह सातवाहन वंश का सर्वश्रेष्ठ – शासक था।
( कुषाण वंश)
० कुषाण यू-ची कबीले से सम्बन्धित थे।
० भारत में कुषाण वंश का प्रथम शासक कुजुल कडफिसस था। कनिष्क :
* कुषाण वंश का सबसे प्रसिद्ध शासक कनिष्क था।
*कनिष्क 78 ई. में राज्य सिंहासन पर आरूढ़ हुए।
* 78 ई. में कनिष्क ने शक संवत् चलाया। इसे भारत सरकार द्वारा भी प्रयोग में लाया जाता है।
* कनिष्क के समय बौद्ध धर्म की चौथी संगीति कश्मीर के कुंडलवन में सम्पन्न हुई थी।
* अश्वघोष कनिष्क के राजकवि थे। अश्वघोष ने बुद्धचरित्र की रचना की। चरक कनिष्क का राजवैद्य था। चरक ने ‘चरक संहिता’ नामक पुस्तक लिखी।
चरक को आयुर्वेद का जनक माना जाता है। सबसे ज्यादा शुद्ध सोने के सिक्के इसी के द्वारा चलाये।
* भारत में गांधार कला का विकास कनिष्क के काल में ही हुआ। गांधार कला हिंद-यूनानी दो कलाओं का संयोजन है।
Imp.Questions
- कुषाण वंश के प्रसिद्ध राजा का नाम बताइए —कनिष्क
- .शक संवत् किसने और कब शुरू किया था? –कनिष्क ने 78 ई. में
- .चरक किसके राज चिकित्सक थे? —कनिष्क
- कला की गांधार शैली किसके शासनकाल में पनपी थी?—कनिष्क
- सातवाहन का सबसे बड़ा शासक कौन था?–गौतमी पुत्र शातकर्णी