सिंधु घाटी सभ्यता
सिन्धु घाटी सभ्यता के प्रमुख स्थल :
सिंधु घाटी सभ्यता भारत की सबसे प्राचीन सभ्यता है। इस सभ्यता की सबसे पहले जानकारी हड़प्पा नामक स्थान से होने के कारण इसे हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता है। सिंधु सभ्यता भारत की पहली नगरीय सभ्यता थी। सिंधु घाटी सभ्यता की विस्तार अवधि 2350-1750 ई.पू. थी। सर्वप्रथम 1921 ई. में राय बहादुर दयाराम साहनी ने हड़प्पा नामक स्थान पर इसके अवशेष खोजे थे।

० हड़प्पा
भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग के अध्यक्ष सर जॉन मार्शल के समय रायबहादुर दयाराम साहनी ने 1921 ई. में हड़प्पा की खोज की। अन्नागार, कब्रिस्तान R-37, स्त्री के गर्भ से निकलता पौधा, सर्वाधिक अभिलेख युक्त मुहरें, मातृ देवी की मूर्ति आदि कई चीजों के अवशेष या प्रमाण मिले हैं।
* हड़प्पा पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में मांटगोमरी जिले में रावी नदी के तट पर स्थित था।

० मोहनजोदड़ो –
* यह सिन्ध के लरकाना जिले में स्थित है। इसकी खोज 1922 ई. में राखलदास बनर्जी ने की थी। मोहनजोदड़ो का अर्थ होता है- मृतकों का टीला।
* यहाँ का सबसे महत्वपूर्ण स्थल वृहत स्नानागार है। यह स्नानागार 11.88 मीटर लम्बा व 7.01 मीटर चौड़ा व 2.43 मीटर गहरा था। मोहनजोदड़ो की सबसे बड़ी संरचना विशाल अन्नागार है जो 45.71 मीटर लम्बा व 15.23 मीटर चौड़ा है।
* यहाँ से एक सभागार, काँसे की नग्न नर्तकी, पशुपति
शिव की मूर्ति आदि प्राप्त हुए हैं।
० कालीबंगा –
* इसका अर्थ काले रंग की चूड़ी से है।
* कालीबंगा राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में घग्घर नदी के किनारे स्थित था।
* यहाँ से हल के निशान (जुते हुए खेत का साक्ष्य), पक्की मिट्टी का हल, अग्निकुण्ड (यज्ञवेदिका) के साक्ष्य प्राप्त हुये हैं।
० लोथल –
* लोथल गुजरात के अहमदाबाद जिले में स्थित एक पत्तन नगर (बन्दरगाह) था।
* गोदीवाड़ा (बन्दरगाह), फारस की मुहर, धान व बाजरा, घोड़े की मिट्टी की मूर्तियाँ, मनका बनाने के कारखाने के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं।
० धौलावीरा –
धौलावीरा गुजरात के कच्छ जिले में स्थित एक हड़प्पीय नगर था। यह नगर आयताकार बना था। इस नगर को तीन भागों -किला, मध्यनगर एवं निचला नगर में विभाजित किया गया था।
* धौलावीरा से उन्नत जल-प्रबन्धन व्यवस्था का साक्ष्य प्राप्त हुआ है।
० भिर्राना –
* हाल के शोधों से यह तथ्य उभरकर सामने आया है कि हरियाणा के फतेहाबाद स्थित भिर्राना हड़प्पा का प्राचीनतम स्थल था। C-14 कार्बन डेटिंग के अनुसार भिर्राना का काल 7570 ई. पू. से 6200 ई. पू. था।
राखीगढ़ी –
* सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे बड़ा स्थल राखीगढ़ी था जो मोहनजोदड़ो व गुजरात के धौलावीरा से भी बड़ा था। पुरातत्वविदों के अनुसार राखीगढ़ी का कुल क्षेत्रफल 350 हैक्टेयर से अधिक रहा होगा। मोहनजोदड़ो 200 हैक्टेयर, हड़प्पा 150 हैक्टेयर व धौलावीरा 100 हैक्टेयर में फैला था।
Imp.Questions
1.सिन्धु सभ्यता सम्बन्धित है – आद्य-ऐतिहासिक युग से
(आद्य इतिहास वह काल है जिसमें लिपि के साक्ष्य तो मिलते हैं लेकिन उन्हें पढ़ा नहीं जा सका।)
2.सिन्धु अर्थव्यवस्था की ताकत थी – कृषि
3.हड़प्पा किस सभ्यता से सम्बद्ध है? – सिन्धु घाटी सभ्यता
4. किस पुरातात्त्विक स्थल से जुते हुए खेत के साक्ष्य प्राप्त हुए – कालीबंगा
5.हड़प्पाकाल की एक अत्यन्त उन्नत जल प्रबन्धन व्यवस्थ निम्न स्थान की खुदाई से प्राप्त हुई है – धौलावीरा
6.सैंधव सभ्यता के लोग किसकी पूजा करते थे?___पशुपति शिव और मातृदेवी
7.पशुपति अंकित मुहर कहाँ से मिली है? —मोहनजोदड़ो
8.हड़प्पा संस्कृति से गोदीवाड़ा (बन्दरगाह) का प्राचीनतम साक्ष्य कहाँ से प्राप्त हुआ है?- — लोथल
9.घोड़े की हड्डियाँ कहाँ से मिली हैं? — सुरकोटड़ा
10.मोहनजोदड़ो को किस अन्य नाम से जाना जाता है?
—मृतकों का टीला।
11. हड़प्पा संस्कृति की मुहरों पर सर्वाधिक अंकित पशु है
—-एक श्रृंगी बैल।
12.मोहनजोदड़ो का प्रमुख सार्वजनिक स्थल कौनसा है
–विशाल स्नानागार
13.किस पशु की मृण्मूर्तियाँ हड़प्पा सभ्यता से प्राप्त नहीं हुई है
— गाय (हड़प्पा संस्कृति की मुहरों एवं टेराकोटा कलाकृतियों में गाय का चित्रण नहीं मिलता जबकि हाथी, गैंडा, बाघ, हिरण, भेड़ा आदि का अंकन मिलता है। गाय को महत्त्व वैदिक काल में प्राप्त हुआ।)
14. विशाल स्नानागार (ग्रेट बाथ) किस पुरातत्व-स्थल से पाया गया था? —मोहनजोदड़ो
15.मोहनजोदड़ो की प्रसिद्ध पशुपति मुहर पर देवता किन पशुओं से घिरा हुआ है? — चीता, गैंडा, भैंसा और हाथी
16.सिन्धु घाटी के लोग विश्वास करते थे — मातृशक्ति में
17.कौनसा हड़प्पीय (Harappan) नगर तीन भागों में विभक्त है
—धौलावीरा
18.सिंधु सभ्यता से संबंधित नृत्य करती हुई महिला की मूर्ति किस धातु की बनी है? –कांस्य
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